नरेंद्र मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा से अब तक 37.70 लाख से ज्यादा मानव दिवस रोजगार पैदा किए गए हैं. लगभग 5,898 कर्मचारी साइट पर काम कर रहे हैं और 1,491 कर्मचारी इन प्रोजेक्ट्स में ऑफ-साइट काम कर रहे हैं, जिसमें केजी मार्ग पर नए संसद भवन, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू, रक्षा कार्यालय परिसर और जीपीओए 2 (सामान्य पूल कार्यालय आवास) का निर्माण शामिल है.
सरकारी सूचना के मुताबिक, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट्स के कंस्ट्रक्शन से 3,235 कुशल और 4,138 अर्ध कुशल लोगों को रोजगार मिला है. आंकड़ों में कहा गया है कि परियोजना के निर्माण में अब तक 41,114 मीट्रिक टन स्टील और 1.01 लाख मीट्रिक टन से अधिक सीमेंट, 18235 और क्यूबिक मीटर फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया गया है.
प्रशासनिक काबिलियत में होगा इजाफा
सेंट्रल विस्टा डेवलपमेंट/रीडेवलपमेंट मास्टर प्लान का मकसद प्रशासन की उत्पादकता और दक्षता को ज्यादा क्रिएटिव और खास उद्देश्य से डिजाइन किए गए ऑफिस के बुनियादी ढांचे के साथ मुहैया कराना है. कुछ आकस्मिक शासन लाभों में केंद्र सरकार के सभी 51 मंत्रालयों को 10 सामान्य केंद्रीय सचिवालय भवनों में शामिल करना शामिल है, जिससे कर्मियों, दस्तावेजों और सामानों की आसान आवाजाही की इजाजत मिलती है, जिससे प्रशासनिक काबिलियत में इजाफा होता है.
लचीली और मॉड्यूलर फ्लोर योजनाओं के साथ-साथ इंटर डिपार्टमेंट मूवमेंट की निकटता और आसानी सरकार को अधिक कुशल और उत्पादक तरीके से काम करने के काबिल बनाएगी. ऑफिस स्पेस में इजाफा वर्तमान और भविष्य की मांग और मौजूदा उपलब्धता में भारी अंतर को दूर करेगी. यह बेहतर उत्पादकता और मानव संसाधनों के अच्छे इस्तेमाल के लिए आधुनिक तकनीक के साथ एडवांस वर्कस्पेस तैयार करेगा.
तालमेल में आएगी रफ्तार
बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का निर्माण ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के मुताबिक किया जाएगा. पुनर्विकास परियोजना हरित भवनों और स्वच्छ परिवहन के निर्माण के साथ सतत विकास की दिशा में प्रयासों को बढ़ाएगी. कुल मिलाकर, पुनर्विकास सरकारी कामकाज में दक्षता और तालमेल को गति देगा.
प्रधानमंत्री कार्यालय, निवास और उपराष्ट्रपति निवास को क्रमश: साउथ ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक के पास, संसद और सामान्य केंद्रीय सचिवालय के निकट बनाने का प्रस्ताव है. इससे यातायात की नियमित आवाजाही के साथ बिना किसी दखल के व्यापक तरीके से सुरक्षा और रसद व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी.